Shivaji : -
प्रारम्भिक जीवन : -
छत्रपती शिवाजी भारत के एक महान राजा एवं रणनीतिकार थे, जिन्होंने 1674 ई. में पश्चिम भारत में मराठा साम्राज्य की नींव रखी। उन्होंने कई वर्ष औरंगज़ेब से संघर्ष किया। शाहजी भोंसले की पत्नी जीजाबाई की कोख से शिवाजी महाराज का जन्म हुआ था। शिवाजी एक धर्मपरायण हिन्दु शासक थे। शिवाजी ने बचपन में राजनीति एवं युद्ध की शिक्षा ली थी। शिवाजी के चरित्र पर माता-पिता का बहुत प्रभाव पड़ा।
सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और वह "छत्रपति" बने। शिवाजी ने फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। शिवाजी को एक कुशल और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में जाना जाता है। भारत के बहुत सारे लोगों ने इनके जीवन से शिक्षा प्राप्त की और महान बनकर अपने देश के लिए अपना तन-मन-धन न्योछावर कर दिया। उनके जीवन से हमें शास्वत प्रेरणा मिलती है। इनकी माता ने इनका नाम भगवान शिवाय के नाम पर शिवाजी रखा।
सन् 1674 में रायगढ़ में उनका राज्यभिषेक हुआ और वह "छत्रपति" बने। शिवाजी ने फारसी के स्थान पर मराठी एवं संस्कृत को राजकाज की भाषा बनाया। शिवाजी को एक कुशल और प्रबुद्ध सम्राट के रूप में जाना जाता है। भारत के बहुत सारे लोगों ने इनके जीवन से शिक्षा प्राप्त की और महान बनकर अपने देश के लिए अपना तन-मन-धन न्योछावर कर दिया। उनके जीवन से हमें शास्वत प्रेरणा मिलती है। इनकी माता ने इनका नाम भगवान शिवाय के नाम पर शिवाजी रखा।
जन्म - 19 फरवरी 1630
जन्म स्थान - शिवनेरी दुर्ग
पूर्ण नाम - शिवाजी भोसले
पिता का नाम - शाहजी
माता का नाम - जीजाबाई
आध्यात्मिक गुरु का नाम - रामदास
गुरु का नाम - दादाजी कोंडदेव
शिवाजी महाराज और साईबाई का विवाह - 14 मई 1640
पत्नी - साईबाई
बच्चे - सम्भाजी, राजाराम, अम्बिकाबाई महादिक
शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र - संभाजी
समाधि - रायगढ़
राजमुद्रा लिखी गई - संस्कृत में
मुद्रा पर लिखा गया वाक्य -
प्रतिपच्चंद्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववंदिता शाहसुनोः शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते।
अर्थ - जिस प्रकार बाल चन्द्रमा प्रतिपद बढ़ता जाता है और सारे विश्व द्वारा वन्दनीय होता है, उसी प्रकार शाहजी के पुत्र शिव की यह मुद्रा भी बढ़ती जाएगी।
पिता से प्राप्त शिक्षा का नाम - स्वराज
अपने अभियानों का आरंभ करते थे - दशहरे के अवसर पर
मृत्यु - 3 अप्रैल 1680
मृत्यु स्थान - रायगड
राज्याभिषेक - 6 जुन,1674
मराठा साम्राज्य की नींव रखी - 1674 में
शिवाजी महाराज के गौरव में ये पंक्ति प्रसिद्ध हैं -
शिवरायांचे आठवावे स्वरुप। शिवरायांचा आठवावा साक्षेप।
शिवरायांचा आठवावा प्रताप। भूमंडळी ॥
शिवाजी द्वारा प्रतिपादित अनमोल वचन -
1. "एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर, बाद मे विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।"
2. "जब हौसले बुलन्द हो, तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।"
3. "शत्रु को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरना भी नही चाहिए।"
4. "जो मनुष्य समय के कुच्रक मे भी पूरी शिद्दत से, अपने कार्यो मे लगा रहता है। उसके लिए समय खुद बदल जाता है।"
5. "जब लक्ष्य जीत की हो, तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम, कोई भी मूल्य , क्यो न हो उसे चुकाना ही पड़ता है।"
6. "कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है, क्योकी हमारी आने वाली पीढी उसी का अनुसरण करती है।"
7. "शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यो न हो, उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है।"
शिवाजी द्वारा लिखित कहानियों के नाम -
1. शिवजी की सहनशीलता
2. शिवाजी महाराज का इतिहास
3. शेरनी का दूध ले आए शिवाजी
सैनिक वर्चस्व का आरम्भ -
1. दुर्गों पर नियंत्रण
2. शाहजी की बन्दी और युद्धविराम
प्रभुता का विस्तार -
1. मुगलों से पहली मुठभेड़
2. कोंकण पर अधिकार
3. बीजापुर से संघर्ष
मुगलों से संघर्ष -
1. सूरत में लूट
2. आगरा में आमंत्रण और पलायन
पिता का नाम - शाहजी
माता का नाम - जीजाबाई
आध्यात्मिक गुरु का नाम - रामदास
गुरु का नाम - दादाजी कोंडदेव
शिवाजी महाराज और साईबाई का विवाह - 14 मई 1640
पत्नी - साईबाई
बच्चे - सम्भाजी, राजाराम, अम्बिकाबाई महादिक
शिवाजी के ज्येष्ठ पुत्र - संभाजी
समाधि - रायगढ़
राजमुद्रा लिखी गई - संस्कृत में
मुद्रा पर लिखा गया वाक्य -
प्रतिपच्चंद्रलेखेव वर्धिष्णुर्विश्ववंदिता शाहसुनोः शिवस्यैषा मुद्रा भद्राय राजते।
अर्थ - जिस प्रकार बाल चन्द्रमा प्रतिपद बढ़ता जाता है और सारे विश्व द्वारा वन्दनीय होता है, उसी प्रकार शाहजी के पुत्र शिव की यह मुद्रा भी बढ़ती जाएगी।
पिता से प्राप्त शिक्षा का नाम - स्वराज
अपने अभियानों का आरंभ करते थे - दशहरे के अवसर पर
मृत्यु - 3 अप्रैल 1680
मृत्यु स्थान - रायगड
राज्याभिषेक - 6 जुन,1674
मराठा साम्राज्य की नींव रखी - 1674 में
शिवाजी महाराज के गौरव में ये पंक्ति प्रसिद्ध हैं -
शिवरायांचे आठवावे स्वरुप। शिवरायांचा आठवावा साक्षेप।
शिवरायांचा आठवावा प्रताप। भूमंडळी ॥
शिवाजी द्वारा प्रतिपादित अनमोल वचन -
1. "एक छोटा कदम छोटे लक्ष्य पर, बाद मे विशाल लक्ष्य भी हासिल करा देता है।"
2. "जब हौसले बुलन्द हो, तो पहाड़ भी एक मिट्टी का ढेर लगता है।"
3. "शत्रु को कमजोर न समझो, तो अत्यधिक बलिष्ठ समझ कर डरना भी नही चाहिए।"
4. "जो मनुष्य समय के कुच्रक मे भी पूरी शिद्दत से, अपने कार्यो मे लगा रहता है। उसके लिए समय खुद बदल जाता है।"
5. "जब लक्ष्य जीत की हो, तो हासिल करने के लिए कितना भी परिश्रम, कोई भी मूल्य , क्यो न हो उसे चुकाना ही पड़ता है।"
6. "कोई भी कार्य करने से पहले उसका परिणाम सोच लेना हितकर होता है, क्योकी हमारी आने वाली पीढी उसी का अनुसरण करती है।"
7. "शत्रु चाहे कितना ही बलवान क्यो न हो, उसे अपने इरादों और उत्साह मात्र से भी परास्त किया जा सकता है।"
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Shivaji |
शिवाजी द्वारा लिखित कहानियों के नाम -
1. शिवजी की सहनशीलता
2. शिवाजी महाराज का इतिहास
3. शेरनी का दूध ले आए शिवाजी
सैनिक वर्चस्व का आरम्भ -
1. दुर्गों पर नियंत्रण
2. शाहजी की बन्दी और युद्धविराम
प्रभुता का विस्तार -
1. मुगलों से पहली मुठभेड़
2. कोंकण पर अधिकार
3. बीजापुर से संघर्ष
मुगलों से संघर्ष -
1. सूरत में लूट
2. आगरा में आमंत्रण और पलायन
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