Sardar vallabhbhai patel : -
प्रांरभिक जीवन : -
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| Sardar vallabhbhai patel |
महात्मा गांधी के विचारों से प्रेरित होकर इन्होनें भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में भाग लिया।सरदार वल्लभभाई पटेल वकालत में पंडित जवाहर लाल नेहरू से बहुत आगे थे। सरदार पटेल की महानतम देन थी 562 छोटी-बड़ी रियासतों का भारतीय संघ में विलीनीकरण करके भारतीय एकता का निर्माण करना अहमदाबाद के हवाई अड्डे का नामकरण सरदार वल्लभभाई पटेल अंतर्राष्ट्रीय विमानक्षेत्र रखा गया है।
जन्म - 31 अक्तूबर 1875
जन्म स्थान - नडियाद
पूर्ण नाम - वल्लभभाई झावेरभाई पटेल
सरदार बल्लभ भाई पटेल के पिता का नाम - झवेरभाई पटेल
माता का नाम - लाड बाई
गुरु का नाम - अनुपलब्ध
राष्ट्रीय एकता दिवस - 31 अक्टूबर
सरदार बल्लभ भाई पटेल के पिता का नाम - झवेरभाई पटेल
माता का नाम - लाड बाई
गुरु का नाम - अनुपलब्ध
राष्ट्रीय एकता दिवस - 31 अक्टूबर
शिक्षा - मिडल टेम्पल
राजनीतिक दल - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
राजनीतिक दल - भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस
पुरस्कार - भारत रत्न
मृत्यु - 15 दिसंबर 1950
मृत्यु स्थान - मुम्बई
मृत्यु का कारण - दिल का दौरा
सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा लिखित पुस्तकों के नाम -
1. द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ सरदार वल्लभ भाई पटेल
2. आइडियाज़ ऑफ ए नेशन: वल्लभभाई पटेल
3. वल्लभभाई पटेल के चयनित भाषण और लेखन
4. भारत विभाजन
5. आर्थिक एवं विदेश नीति
6. गांधी, नेहरू एवं सुभाष
7. मुसलमान और शरणार्थी
8. सरदार वल्लभभाई पटेल के संग्रहित कार्य - 1 जनवरी 1950-31 दिसंबर 1950
9. द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ सरदार वल्लभभाई पटेल - 1 जनवरी 1948-31 दिसंबर 1948
10. द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ सरदार वल्लभभाई पटेल - 1 जनवरी 1935-31 दिसंबर 1935
सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा लिखित कहानियों के नाम -
1. लुगड़ी का सपना
2. नकारो
3. सपने के ठूँठ पर कोंपल
4. गम्मत
सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा प्रतिपादित अनमोल वचन -
1. इस मिट्टी में कुछ अनूठा है , जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है
2. यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है, हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है, उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं
3. मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो, अन्न के लिए आंसू बहता हुआ
4. स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा, इसके अनाज निर्यात नहीं किये जायेंगे, कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा, इसके नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर से 7000 फुट ऊपर से शाशन करेंगे, इसके सैन्य खर्च भारी नहीं होंगे, इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमी को अधीन नहीं करेगी, इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे, और यहाँ न्याय पाना ना खर्चीला होगा ना कठिन होगा
5. आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये
6. एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है
7. शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है, विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं
8. यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत भी गवां दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए
9. बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है, जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए, जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है
10. अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है
11. हमे यह भूल जाना चाहिए की हम सिख है, जाट है या राजपूत है, हमे तो बस इतना रखना चाहिए की हम सबसे पहले भारतीय है जिसके पास इस देश के प्रति अधिकार और कर्तव्य दोनों है
12. त्याग के सच्चे मूल्य का पता तभी चलता है जब हमे अपनी सबसे कीमती चीज को भी त्यागना पड़ता है जिसने अपने जीवन में कभी त्याग ही नही किया हो उसे त्याग के मूल्य का क्या पता
13. यदि सत्य के मार्ग पर चलना है तो बुरे आचरण का त्याग भी आवश्यक है क्यूकी बिना चरित्र निर्माण के राष्ट्रनिर्माण नही हो सकता है
14. सेवा धर्म बहुत ही कठिन है यह तो कठिन काँटों के सेज पर सोने जैसा है
15. यदि आप सेवा करने वाले है तो आपको विनम्रता भी सीखनी चाहिए क्यूकी वर्दी पहन कर सिर्फ रौब नही बल्कि विनम्रता भी आनी चाहिए
16. गरीबो की सेवा करना ईश्वर की सेवा है
मृत्यु - 15 दिसंबर 1950
मृत्यु स्थान - मुम्बई
मृत्यु का कारण - दिल का दौरा
सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा लिखित पुस्तकों के नाम -
1. द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ़ सरदार वल्लभ भाई पटेल
2. आइडियाज़ ऑफ ए नेशन: वल्लभभाई पटेल
3. वल्लभभाई पटेल के चयनित भाषण और लेखन
4. भारत विभाजन
5. आर्थिक एवं विदेश नीति
6. गांधी, नेहरू एवं सुभाष
7. मुसलमान और शरणार्थी
8. सरदार वल्लभभाई पटेल के संग्रहित कार्य - 1 जनवरी 1950-31 दिसंबर 1950
9. द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ सरदार वल्लभभाई पटेल - 1 जनवरी 1948-31 दिसंबर 1948
10. द कलेक्टेड वर्क्स ऑफ सरदार वल्लभभाई पटेल - 1 जनवरी 1935-31 दिसंबर 1935
सरदार बल्लभ भाई पटेल द्वारा लिखित कहानियों के नाम -
1. लुगड़ी का सपना
2. नकारो
3. सपने के ठूँठ पर कोंपल
4. गम्मत
सरदार वल्लभभाई पटेल द्वारा प्रतिपादित अनमोल वचन -
1. इस मिट्टी में कुछ अनूठा है , जो कई बाधाओं के बावजूद हमेशा महान आत्माओं का निवास रहा है
2. यह हर एक नागरिक की जिम्मेदारी है कि वह यह अनुभव करे की उसका देश स्वतंत्र है और उसकी स्वतंत्रता की रक्षा करना उसका कर्तव्य है, हर एक भारतीय को अब यह भूल जाना चाहिए कि वह एक राजपूत है, एक सिख या जाट है, उसे यह याद होना चाहिए कि वह एक भारतीय है और उसे इस देश में हर अधिकार है पर कुछ जिम्मेदारियां भी हैं
3. मेरी एक ही इच्छा है कि भारत एक अच्छा उत्पादक हो और इस देश में कोई भूखा ना हो, अन्न के लिए आंसू बहता हुआ
4. स्वतंत्र भारत में कोई भी भूख से नहीं मरेगा, इसके अनाज निर्यात नहीं किये जायेंगे, कपड़ों का आयात नहीं किया जाएगा, इसके नेता ना विदेशी भाषा का प्रयोग करेंगे ना किसी दूरस्थ स्थान, समुद्र स्तर से 7000 फुट ऊपर से शाशन करेंगे, इसके सैन्य खर्च भारी नहीं होंगे, इसकी सेना अपने ही लोगों या किसी और की भूमी को अधीन नहीं करेगी, इसके सबसे अच्छे वेतन पाने वाले अधिकारी इसके सबसे कम वेतन पाने वाले सेवकों से बहुत ज्यादा नहीं कमाएंगे, और यहाँ न्याय पाना ना खर्चीला होगा ना कठिन होगा
5. आपकी अच्छाई आपके मार्ग में बाधक है, इसलिए अपनी आँखों को क्रोध से लाल होने दीजिये, और अन्याय का मजबूत हाथों से सामना कीजिये
6. एकता के बिना जनशक्ति शक्ति नहीं है जबतक उसे ठीक तरह से सामंजस्य में ना लाया जाए और एकजुट ना किया जाए, और तब यह आध्यात्मिक शक्ति बन जाती है
7. शक्ति के अभाव में विश्वास किसी काम का नहीं है, विश्वास और शक्ति, दोनों किसी महान काम को करने के लिए अनिवार्य हैं
8. यहाँ तक कि यदि हम हज़ारों की दौलत भी गवां दें, और हमारा जीवन बलिदान हो जाए, हमें मुस्कुराते रहना चाहिए और ईश्वर एवं सत्य में विश्वास रखकर प्रसन्न रहना चाहिए
9. बेशक कर्म पूजा है किन्तु हास्य जीवन है, जो कोई भी अपना जीवन बहुत गंभीरता से लेता है उसे एक तुच्छ जीवन के लिए तैयार रहना चाहिए, जो कोई भी सुख और दुःख का समान रूप से स्वागत करता है वास्तव में वही सबसे अच्छी तरह से जीता है
10. अक्सर मैं ऐसे बच्चे जो मुझे अपना साथ दे सकते हैं, के साथ हंसी-मजाक करता हूँ. जब तक एक इंसान अपने अन्दर के बच्चे को बचाए रख सकता है तभी तक जीवन उस अंधकारमयी छाया से दूर रह सकता है जो इंसान के माथे पर चिंता की रेखाएं छोड़ जाती है
11. हमे यह भूल जाना चाहिए की हम सिख है, जाट है या राजपूत है, हमे तो बस इतना रखना चाहिए की हम सबसे पहले भारतीय है जिसके पास इस देश के प्रति अधिकार और कर्तव्य दोनों है
12. त्याग के सच्चे मूल्य का पता तभी चलता है जब हमे अपनी सबसे कीमती चीज को भी त्यागना पड़ता है जिसने अपने जीवन में कभी त्याग ही नही किया हो उसे त्याग के मूल्य का क्या पता
13. यदि सत्य के मार्ग पर चलना है तो बुरे आचरण का त्याग भी आवश्यक है क्यूकी बिना चरित्र निर्माण के राष्ट्रनिर्माण नही हो सकता है
14. सेवा धर्म बहुत ही कठिन है यह तो कठिन काँटों के सेज पर सोने जैसा है
15. यदि आप सेवा करने वाले है तो आपको विनम्रता भी सीखनी चाहिए क्यूकी वर्दी पहन कर सिर्फ रौब नही बल्कि विनम्रता भी आनी चाहिए
16. गरीबो की सेवा करना ईश्वर की सेवा है

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